आपको बता दे की केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के छोटे कामगारों के लिए लोन से लेकर ट्रेनिंग तक दिलाने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है। आने वाले 5 सालों में इस योजना के तहत सरकार 13,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगी। आपको जानकारी के लिए बता दे की देश में यह योजना विश्वकर्मा जयंती से शुरू हो गई। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना का जिक्र किया था। विश्वकर्मा योजना में बुनकर, सुनार, लोहार, धोबी और नाई सहित 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल है।
विश्वकर्मा योजना ( Vishwakarma Yojana )
आपको बता दे की विश्वकर्मा योजना के तहत कामगारों को दो चरणों में लोन दिया जायेगा उन्हें पहले चरण में 1 लाख रुपये और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का लोन 5 प्रतिशत पर मिलेगा। इस विश्वकर्मा योजना से भारत के लगभग 30 लाख परिवारों को लाभ होगा। लोहार, कुम्हार, बुनकर और नाई के अलावा राज मिस्त्री, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले और मूर्तिकार सहित 18 तरह के काम करने वाले लोगों को इस योजना के तहत लोन और अन्य सुविधाएं प्रोवाइड की जाएगी। इस योजना का मकसद उन लोगों को फायदा पहुंचाना है, जो स्किल्ड है और हाथ से कोई वर्क करते हैं, साथ ही साथ वह लोग पीढियों से यह काम करते आ रहे हैं।
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सरकार देगी ट्रेनिंग
आपको यह भी बता दे की कामगारों के कौशल को थोड़ा और निखारने के लिए भी इस योजना में प्रावधान हैं क्योकि योजना के तहत दो तरह की स्किल ट्रेनिंग दिया जाना तय है। इस योजना के तहत पहले बेसिक ट्रेनिंग मिलेगी, उसके बाद कामगारों के कौशल को थोड़ा और निखारने के लिए एडवांस ट्रेनिंग की भी पूरी व्यवस्था की गई है। ट्रेनिंग के दौरान प्रशिक्षु को स्टॉयपेंड भी मिलेगा यानी 500 प्रतिदिन के हिसाब से इस योजना में स्टॉयपेंड दिया जायेगा।